
माँ तेरे चरणों में हम शीश झुकाते है लिरिक्स
माँ तेरे चरणों में हम, शीश झुकाते हैं।
श्रद्धा पूरित होकर माँ, दो अश्रु चढ़ाते हैं।
झंकार करो ऐसी माँ, सद्भाव उभर आयें।
हुंकार भरो ऐसी माँ, दुर्भाव उखड़ जायें ॥
सन्मार्ग न छोड़ेगें माँ, हम शपथ उठाते हैं॥
यदि स्वार्थ हेतु माँगे माँ, दुत्कार भले देना।
जनहित हम याचक हैं माँ, सुविचार हमें देना ॥
सब राह चलें तेरी माँ, तेरे जो कहाते हैं।
वह हास हमें दो हे माँ, सारा जग मुस्काये।
जीवन भर ज्योति जले माँ, पर स्नेह न चुक पाये ॥
अभिमान न हो उसका माँ, जो कुछ कर पाते हैं।
विश्वास करो हे! माता, हम पूत तुम्हारे हैं।
बलिदान क्षेत्र के हे! माँ, हम दूत तुम्हारे हैं॥
कुछ त्याग नहीं अपना माँ, बस कर्ज चुकाते हैं।
मुक्तक:-
माता के चरणों में आओ, हम सब शीश झुकायें।
हीन, तुच्छ, संकीर्ण वृत्ति को, हम सब दूर भगायें।।
लोभ, मोह, अभिमान भाव को, आओ दूर करें हम।
हैं सपूत माता को हम सब, यह विश्वास दिलायें।।