
शंभू शरणे पड़ी मांगू घड़ी रे घड़ी दुख काटो लिरिक्स
शंभू शरणे पड़ी मांगू
घड़ी रे घड़ी दुख काटो,
दया करीने ने दर्शन आपो
तेरी सेवा में जल ले आई,
उसे मछली भी जूठा कराई
जल कैसे चढ़ाऊँ…
भोले कैसे रिझाउ… महादेवा !!
भोले कैसे करू तेरी सेवा।
शंभू शरणे पड़ी……
तेरी सेवा में दूध ले आई,
उसे बछड़ा भी जूठा कराई
दूध कैसे चढ़ाऊँ…
भोले कैसे रिझाउ… महादेवा !!
भोले कैसे करू तेरी सेवा।
शंभू शरणे पड़ी……
तेरी सेवा में फूल ले आई,
उसे भवरा भी जूठा कराई
फूल कैसे चढ़ाऊँ…
भोले कैसे रिझाउ… महादेवा !!
भोले कैसे करू तेरी सेवा।
शंभू शरणे पड़ी…