
बाबा श्याम के दरबार मची रे होली लिरिक्स
बाबा श्याम के दरबार मची रे होली, बाबा श्याम के,
मची रे होली रे खेलांगा होली, बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के।।
केमण लाल गुलाल उड़त है, केमण केसर कस्तूरी,
बाबा श्याम के, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,
बाबा श्याम के।।
सौमण लाल गुलाल उड़त है, सौमण केसर कस्तूरी,
बाबा श्याम के, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,
बाबा श्याम के।।
कित्ता रे बरस को यो कुंवर कन्हैयो रे,
कित्ता रे बरस की या राधा गोरी,
बाबा श्याम के, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,
बाबा श्याम के।।
आठ बरस को यो कुंवर कन्हैयो रे,
सौलह रे बरस की या राधा गोरी,
बाबा श्याम के, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,
बाबा श्याम के।।
बाबा श्याम के दरबार मची रे होली, बाबा श्याम के,
मची रे होली रे खेलांगा होली, बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,
बाबा श्याम के।।