
राम जन्म सोहर गीत लिरिक्स
1. जन्मे अवध रघुरइया हो लिरिक्स
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
रूप मे अनूप चारो भइया हो,
सब मंगल मनावो,
एक श्याम जो नील कमल हो
या जमुना का निर्मल जल हो
दूजे की है चांद सी गोरइया हो
सब मंगल मनावो,
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
बरसे सुमन सब देवगण आये
दरसन का सब लाभ उठाये
देत सब राजा को बधइया हो
सब मंगल मनावो,
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
जल गये दीपक मनी दिवाली
मंत्री करे खजाना खाली
राही बांटे कामधेनु गइयाँ हो
सब मंगल मनावो,
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
2. अइसन मनोहर मंगल मूरत सुहावन सुन्दर सूरत नू हो लिरिक्स
अइसन मनोहर मंगल मूरत, सुहावन सुन्दर सूरत नू हो
ए राजा जी एकरे त रहल जरुरत मुहूरत खुबसूरत हो
ए राजा जी एकरे त रहल जरुरत मुहूरत खुबसूरत हो
हमार जनाता बबुया GM होइहै ,
ना ना इ त डीएम होइहै हो .
ए ललना हिन्द के सितारा इ तो CM होइहै
ओसे ऊपर PM होइहै हो !!
ए ललना हिन्द के सितारा इ तो CM होइहै
ओसे ऊपर PM होइहै हो !!
होइहै वाइस चांसलर Univercity के
मेयर लन्दन city के नु हो
ए ललना होम सेक्रेटरी गोवेर्न्मिन्टी के
तो हीरो अपना मिट्टी के नु हो !!
ए ललना होम सेक्रेटरी गवर्मेन्टी के
तो हीरो अपना मिट्टी के नु हो !!
तभी कुछ गाव के बुजुर्ग बोलते है की ये कलजुग का भजन है
त्रेता का भजन गाईये राम जी के लिए !!
बबुआ हमार महराज होइहै ,
राजाधिराज होइहै हो .
ए ललना धातु में हीरा पुखराज होइहै
सिरवा के ताज होइहै हो !!
ए ललना धातु में त हीरा पुखराज होइहै
सिरवा के ताज होइहै हो !!
मुनि बाबा अइसन बबुआ ज्ञानी होइहै
राजा जी अइसन दानी होइहै हो,
ए ललना अखिल भूमंडल राजधानी होइहै
बापे अस खानदानी होइहै हो !!
ए ललना अखिल भूमंडल राजधानी होइहै
बापे अस खानदानी होइहै हो !!
अइसन मनोहर मंगल मूरत, सुहावन सुन्दर सूरत नू हो .
ए राजा जी एकरे त रहल जरुरत मुहूरत खुबसूरत हो
ए राजा जी एकरे त रहल जरुरत मुहूरत खुबसूरत हो
3. दिनही उगल अंजोरिया ये लाल लिरिक्स
दिनहि उगल अजोरिया ये लाल
दिनहि उगल अजोरिया ये लाल
रघुवंशी दशरथ के घर में
दिनहि उगल अजोरिया ये लाल
बाजे अवधवा में थरिया ये लाल
बाजे अवधवा में थरिया ये लाल
चैत मास नवमी के दिनवा
बाजे अवधवा में थरिया ये लाल
रघुवंशी दशरथ के घर में
दिनहि उगल अजोरिया ये लाल
ब्रह्मा संग सब देवन सब आये
इंद्र सुमन नभ से बरषाये
ब्रह्मा संग सब देवन सब आये
इंद्र सुमन नभ से बरषाये
रस रस डोले बयरिया ये लाल
रस रस डोले बयरिया ये लाल
महक गईल उजडल फुलवरिया
रस रस डोले बयरिया ये लाल
रघुवंशी दशरथ के घर में
दिनहि उगल अजोरिया ये लाल
कही भाट विरदावली गावे
पंडित मंगल मंत्र सुनावे
कही भाट विरदावली गावे
पंडित मंगल मंत्र सुनावे
सज सज गईल सगरी अटरिया ये लाल
सज सज गईल सगरी अटरिया ये लाल
गली गली सब सजल अवध में
सज सज गईल सगरी अटरिया ये लाल
रघुवंशी दशरथ के घर में
दिनहि उगल अजोरिया ये लाल
आज मुदित मन बैठे राजा
आज मुदित मन बैठे राजा
दुअरा बजे छमा छम बाजा
दुअरा बजे छमा छम बाजा
लागेला भारी पगड़िया ये लाल
लागेला भारी पगड़िया ये लाल
राजन के सिर पर बांधल साफा
लागेला भारी पगारिया ये लाल