
सिया निकले अवधवा की ओर होलिया खेले राम लला लिरिक्स
सिया निकली अवधवा की और होलिया खेले राम लला ॥
कोशल्या के राम सुमित्रा के लक्ष्मण, कैकेई के हो, कैकेई के भरत हो लाल, होलिया खेले राम लला, रामलला हो भगवान लला,
सिया निकली अवधवा की और होलिया खेले राम लला ॥
केकर हाथ कनक पिचकारी, केकर खोली छे अबीर, होलिया खेले राम लला, रामलला हो भगवान लला,
सिया निकली अवधवा की और होलिया खेले राम लला ॥
राम के हाथ कनक पिचकारी, सिया जी के हो, सिया जी के खोली छे अबीर, होलिया खेले राम लला, रामलला हो भगवान लला,
सिया निकली अवधवा की और होलिया खेले राम लला ॥
सिया निकली अवधवा की और होलिया खेले राम लला, रामलला हो भगवान लला,
सिया निकली अवधवा की और होलिया खेले राम लला ॥